आज जहां एक तरफ देश में धर्म के नाम पर राजनीति हो रही है। वहीं एक मुस्लिम महिला विद्वान ने सांप्रदायिक सद्भाव का उदाहरण पेश किया है। मुस्लिम महिला विद्वान ने रामायण का उर्दू में अनुवाद किया है। महिला ने कहा है कि राम और अल्लाह दुश्मन नहीं हैं। साथ ही उन्होंने भगवान राम को अपना आदर्श भी बताया है।
डॉ माहे तालत सिद्दीकी कानपुर के प्रेम नगर की रहने वाली हैं। उन्होंने हिंदी साहित्य में स्नातकोत्तर और पीएचडी है। उन्होंने कहा कि राम और अल्लाह में कोई लड़ाई नहीं है। सिद्दीकी ने कहा कि अन्य धार्मिक ग्रंथों की तरह रामायण भी प्यार और भाईचारे का संदेश देता है।
उन्होंने कहा कि रामायण को उर्दू में अनुवाद करके मैंने इसे उन लोगों के लिए उपलब्ध कराया है जो हिंदी या संस्कृत को नहीं जानते हैं। विशेष रूप से मुसलमानों के लिए, उन्होंने कहा कि मुझे इस काम को पूरा करने के बाद शांति और संतुष्टि महसूस हो रही है।
उन्हें इसे पूरा करने में डेढ़ साल का समय लगा है। उनके पिता एक व्यापारी हैं और उनका बेटा सिंगापुर से पढ़ाई कर रहा है। उनकी माता हालीम मुस्लिम डिग्री कॉलेज में उर्दू की एचओडी हैं।
उन्होंने कहा कि रामायण को उर्दू में अनुवाद करके मैंने इसे उन लोगों के लिए उपलब्ध कराया है जो हिंदी या संस्कृत को नहीं जानते हैं। विशेष रूप से मुसलमानों के लिए, उन्होंने कहा कि मुझे इस काम को पूरा करने के बाद शांति और संतुष्टि महसूस हो रही है।
उन्हें इसे पूरा करने में डेढ़ साल का समय लगा है। उनके पिता एक व्यापारी हैं और उनका बेटा सिंगापुर से पढ़ाई कर रहा है। उनकी माता हालीम मुस्लिम डिग्री कॉलेज में उर्दू की एचओडी हैं।
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